Last Updated : Jul 06, 2020 Views : 53
मसूरी : News by: अरविन्द सेमवाल :-
“दो निशान, दो प्रधान, दो विधान” को समाप्त करने के लिए अपने प्राणो का बलिदान करने वाले भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की जयंती के अवसर पर मसूरी में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्या वक्ता के रूप में भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व महामंत्री संगठन कैलाश पंत ने कहा की स्वर्गीय श्री मुखर्जी की विचारों को हम सब लोगों को अपने जीवन में लाना चाहि। उनका जीवन हमेशा समाज सेवा और समाज के कल्याण में लगाया है वह एक महान शिक्षाविद राष्ट्रवादी व जनसंघ के संस्थापक थे।
आजादी के सबसे पहली केंद्र सरकार में वे उद्योग मंत्री थे लेकिन उनको नेहरू की देश को तोड़ने वाले नीतियों के विरोध में सरकार से इस्तीफा दे दिया उन्होंने कहा कि मैं हमेशा देश हित के लिए कार्य किया और कश्मीर पर अपना रुख स्पष्ट रखा । देश में दो प्रधान दो विधान और दो निशान का उन्होंने जमकर विरोध किया जिससे कि उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया। बाद में सन 1951 में जनसंघ का गठन किया उस समय कश्मीर जाने के लिए परमिट लगता था जिसका कि उन्होंने घोर विरोध किया और इसी क्रम में वह कश्मीर कुछ कर गए और उनको गिरफ्तार कर लिया गया पर रिहाई से रिहाई से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई, और आज भाजपा उनके सिद्धांत और विचारों को मानती है और उन पर चलती है जिसके चलते कश्मीर से धारा 370 व 35ए को हटाया। जिसके चलते आज वहा पर तिरंगा फहराता है। इस मौके पर विधायक गणेश जोशी ने कहा कि डा. मुखर्जी देश के महानायक थे, भाजपा उनके विचारों को आगे बढाने का कार्य कर रही है
कार्यक्रम का संचालन महामंत्री कुशाल राणा ने किया। इस मौके पर मसूरी भाजपा अध्यक्ष श्री मोहन पेटवाल , पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल, छावनी उपाध्यक्ष बादल प्रकाश, अरविंद सेमवाल, अनीता सक्सेना, अरविंद सेमवाल, मुकेश धनाई, नरेश आनंद, नर्मदा नेगी, सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।